स्थानीय निवासी
ऋषिकेश
पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक स्थित गंगा भोगपुर के वनंत्रा रिजॉर्ट में कार्य करने वाली अंकिता भंडारी (19) के गायब होने के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। अंकिता गंगा भोगपुर स्थित रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट पद पर काम कर रही थी। वह 18 सितंबर को रिसॉर्ट से ही रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी। पुलिस ने बताया रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य और उसके दो साथियों ने मिलकर अंकिता को रिजॉर्ट से कुछ दूरी पर ले जाकर चीला शक्ति नहर में फेंका। अभी लड़की का शव नहीं मिला है। पुलिस शव की तलाश कर रही है।
गौरतलब है कि, ग्राम श्रीकोट, पट्टी नादलस्यूँ, पौड़ी गढ़वाल निवासी 19 वर्षीय अंकिता भण्डारी ने 28 अगस्त को ही गंगाभोगपुर स्थित रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट पद पर ज्वाइनिंग की थी। लेकिन युवती को ज्वाइन किए हुए एक महीने का वक्त भी नहीं बीता था कि, वो 18 सितंबर को रिसॉर्ट से ही रहस्यमय तरीके से लापता हो गई। जिसके बाद परिजनों ने राजस्व पुलिस में इस मामले की गुमशुदगी भी कराई थी।
पुलिस ने बताया कि, गुमशुदगी के सम्बन्ध में राजस्व पुलिस चौकी उदयपुर तल्ला में मुकदमा पंजीकृत हुआ था। जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल द्वारा उपरोक्त मुकदमा गुरुवार 22 सितम्बर को राजस्व पुलिस से थाना लक्ष्मणझूला पुलिस को स्थानान्तरित किया गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए लक्ष्मणझूला पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए 24 घंटे के अन्दर मुख्य अभियुक्त वनंतरा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित, मैनेजर अंकित सहित 03 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर केस वर्कआउट कर लिया गया है। बता दें कि, वनंत्रा रिजॉर्ट का मालिका पुलकित आर्य पूर्व राज्य मंत्री भाजपा विनोद आर्य का बेटा है।
पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि, 18 सितंबर की शाम पुलकित आर्य और अंकिता रिजॉर्ट में थे। तभी दोनों के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ। इस पर पुलकित ने अपने अन्य दो साथियों से कहा कि अंकिता गुस्से में है, इसे लेकर ऋषिकेश चलते हैं। जिस पर तीनों अलग-अलग गाड़ियों से गए। ये लोग ऋषिकेश बैराज होते हुए एम्स के पास पहुंचे। वापसी में पुलकित अंकिता को स्कूटी पर लेकर आया और बाकी दोनों से आगे निकल गया। जब सभी बैराज चौकी से करीब डेढ़ किमी आगे पहुंचे तो पुलकित अंकिता के साथ अंधेरे में रुका था।
सभी आरोपियों ने वहीं पर रुककर शराब पी और मोमोज खाए। सभी लोग चीला रोड पर नहर के किनारे बैठे हुए थे। तभी वहां भी अंकिता और पुलकित के बीच फिर किसी बात को लेकर झगड़ा होने लगा। पुलकित का कहना था कि, अंकिता उनकी बातें अपने साथियों को बताती थी। उधर, अंकिता ने आरोप लगाया कि उसे रिजॉर्ट आने वाले ग्राहकों से संबंध बनाने के लिए कहा जाता है।
इसी दौरान अंकिता और बाकियों की जमकर झड़प हो गयी। अंकिता ने धमकी दी कि, वो रिजॉर्ट की सारी करतूतों को बाहर बता देगी। गुस्से में अंकिता ने पुलकित का मोबाइल नहर में फेंक दिया। इस पर आरोपियों को गुस्सा आ गया और उन्होंने नशे की हालत में पहले अंकिता से हाथापाई की और फिर उसे नहर में धक्का दे दिया। नहर में गिरते ही वो एक-दो बार पानी के ऊपर आकर चिल्लाई उसके बाद डूब गई।
इस घटना के बाद आरोपी घबरा गए। इस पर आरोपियों ने फिर एक साजिश रची। उन्होंने सोचा कि अंकिता के साथ उनको रिजॉर्ट से निकलते हुए रिजॉर्ट कर्मी अभिनव और कुश ने देखा था। तब उन्होंने प्लान बनाता और रिजॉर्ट के शेफ मनवीर को फोन कर चार आदमियों का खाना तैयार करने को कहा, ताकि लगे कि अंकिता उनके ही साथ है। जब शेफ मनवीर ने अंकित से अंकिता को लेकर पूछा तो उसने कहा कि, फिलहाल वो उनके साथ नहीं है। इसके बाद तीनों आरोपी किनारे वाले रास्ते से रिजॉर्ट में आ गए। तय प्लान के तहत अंकित शेफ से अंकिता का खाना लेकर अंकिता के कमरे में गया और वहां खाना रखकर आ गया।
सुबह पुलकित आर्य और अंकित गुप्ता हरिद्वार चले गए। वहां पुलकित ने नया मोबाइल और उसी नंबर का डमी सिम खरीदा। प्लान के तहत ही पुलकित ने रिजॉर्ट में काम करने वाले सौरभ बिष्ट को कहा कि, अंकिता के कमरे में जाकर उसका फोन लेकर आए, ताकि सौरव कमरे में जाकर उनको ये बताए कि अंकिता कमरे में नहीं है और ना ही अंकिता का फोन वहां है। अबतक सब कुछ आरोपियों के प्लान के तहत ही हुआ।
इतना ही नहीं, किसी को शक न हो इसलिए आरोपियों ने ही अंकिता की गुमशुदगी की प्राथमिकी भी दर्ज करवाई थी। इसके बाद आरोपियों ने प्लान किया कि तीनों एक जैसे बयान देंगे। इसके लिए तीनों आरोपियों ने सोच समझकर घटना की टाइमिंग सेट की। उसी के अनुसार आरोपियों ने अंकिता की गुमशुदगी भी दर्ज करायी, जिससे उन पर कोई शक न हो सके। मामला राजस्व पुलिस के पास होने के चलते आरोपियों ने योजना के तहत ही बयान दर्ज कराए, लेकिन 18 सितंबर से बेटी की कोई खबर नहीं मिलने पर परिजनों को चिंता सताने लगी।
अंकिता की मां सोनी देवी, ग्रामीणों व परिजनों ने 21 सितंबर इस पर जिला मुख्यालय पौड़ी में डीएम से बेटी की खोजबीन के लिए गुहार लगाई। साथ ही मामला रेगुलर पुलिस को सौंपने की भी मांग की, जिस पर डीएम डॉ विजय कुमार जोगदंडे ने बीते गुरुवार 22 सितंबर को मामला राजस्व पुलिस ने रेगुलर पुलिस को ट्रांसफर किया।
मामले में एसएसपी पौड़ी ने तेजी दिखाते हुए टीम बनाकर मामले की जांच शुरू की। पुलिस ने सबसे पहले रिजॉर्ट से ही जांच की शुरुआत की। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर रिजॉर्ट के मालिक, मैनेजर और कर्मियों से गहनता से पूछताछ की तो सारा मामला परत दर परत खुलता चला गया।
रिजॉर्ट कर्मियों ने बताया कि, 18 सितंबर की शाम को अंकिता काफी परेशान थी। फोन पर रोते हुए एक कर्मी से उसने अपना बैग ऊपर लाने के लिए कहा था। एक परिचित को किए गये वाट्सएप मैसेज में भी अंकिता ने परेशान होने की बात बताई थी।
गिरफ्तार अभियुक्तों में पुलकित आर्य (35, पुत्र डॉ. विनोद आर्य निवासी स्वदेशी भवन आर्यनगर, थाना ज्वालापुर हरिद्वार), अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता (19, पुत्र राजेंद्र कुमार गुप्ता निवासी 42-ए दयानंद नगरी थाना ज्वालापुर हरिद्वार) और सौरभ भाष्कर (35, पुत्र शक्ति भाष्कर निवासी 18-ए सूरजनगर, थाना ज्वालापुर हरिद्वार) शामिल हैं।
वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऋषिकेश घटना पर दुःख जताते हुए कहा कि, जिस किसी ने ये जघन्य अपराध किया है उसे हर हाल में सख़्त सजा दिलाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है, पीड़ित को हर हाल में न्याय मिलेगा।
वहीं पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि, अंकिता भण्डारी गुमशुदगी प्रकरण में गिरफ्तार अभियुक्तों के विरूद्ध हत्या एवं साक्ष्य छिपाने (धारा 302/201 IPC) की धाराएं बढ़ा दी गयी हैं। अभियुक्तों द्वारा पीड़िता को चीला रोड के निकट नहर में धक्का दिये जाने के बयान पर पुलिस की SDRF टीम शव तलाशने का प्रयास कर रही है। विवेचना की प्रगति के संबंध में एसएसपी पौड़ी गढ़वाल द्वारा अवगत कराया जाएगा।
उधर थाना लक्ष्मण झूला से पुलिस की टीम तीनों आरोपितों को पौड़ी न्यायालय में पेश करने ले जा रही थी। इस बीच कोडिया गंगा भोगपुर में पहले से जमा गुस्साए लोगों ने पुलिस की अभिरक्षा में तीनों आरोपितों के साथ जमकर मारपीट की।भीड़ ने रिजार्ट पर अपना गुस्सा निकाला। भारी पथराव करके रिसार्ट के शीशे तोड़ दिए। समीप से ही थोड़ी देर बाद जब पुलिस का वाहन आरोपितों को लेकर निकला तो वाहन पर भी पथराव किया गया।पुलिस वाहन के शीशे टूट गए। भीड़ के आगे मुट्ठी भर पुलिस कुछ नहीं कर पा रही थी। तीनों को जमकर पीटा गया।
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