देहरादून
पहाड़ के अंतिम छोर तक टेलीमेडीसीन सेवाओं का लाभ देना सुनिश्चित करें, यह बात स्वास्थ्य महानिदेशालय में डॉ0 आर0 राजेश कुमार, सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण ने यू0के0एच0एस0डी0पी0 के अर्न्तगत संचालित टेलिमेडीसीन (UKHSDP Tele medicine Project) व्यवस्था की समीक्षा के दौरान कही।
समीक्षा के अर्न्तगत यू.के.एच.एस.डी.पी. (Uttarakhand Health System Development Project) द्वारा प्रस्तुतिकरण के माध्यम से बताया गया कि, टेलीमेडीसीन परियोजना के अर्न्तगत प्रदेश में 400 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को, 4 मेडिकल कालेज (दून मेडिकल कालेज, श्रीनगर मेडिकल कालेज गढ़वाल, डॉ0 सुशीला तिवाड़ी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी, राजकीय मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा) से जोड़ दूरस्थ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में आने वाले मरीजों को मेडिकल कॉलेज के विषेशज्ञ चिकित्सकों द्वारा निशुल्क परामर्श के साथ-साथ इलाज भी दिया जा रहा है।
इसके अर्न्तगत प्रथम फेज़ में दून मेडिकल कॉलेज देहरादून में देहरादून (20 पी0एच0सी0), हरिद्वार (20 पी0एच0सी0), उत्तरकाशी (30 पी0एच0सी0), टिहरी (30 पी0एच0सी0) को जोड़ा जा चुका है। इसके अर्न्तगत 06 अगस्त 2000 से अब तक 2,189 मरीजों को लाभ दिया जा चुका है। फेज़-2 के अर्न्तगत शेष 300 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को 3 राजकीय मेडिकल कॉलेज से जोड़ा जा चुका है।
सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तराखण्ड द्वारा निर्देश दिये गये कि, यह प्रयास किये जाये कि ओ.पी.डी. का समय शाम 5 बजे तक किया जा सके। साथ ही टेलीमेडीसीन का उपयोग बढ़ाये जाने और आमजन में इसके प्रचार-प्रसार हेतु सघन प्रयास किये जाये, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस सुविधा का लाभ मिल सके।
बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन निदेशक डॉ0 सरोज नैथानी, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ0 आशुतोष सयाना, डॉ0 यू0एस0 कंडवाल, अपर निदेशक स्वास्थ्य महानिदेशालय, दून मेडिकल कॉलेज से डॉ0 सुशील अपेक्षा, अपर परियोजना निदेशक UKHSDP डॉ0 बिपुल कुमार विश्वास, डॉ0 अमित शुक्ला संयुक्त निदेशक यू0के0एच0एस0डी0पी0, धानुश हैल्थकेयर प्राइवेट लि0 के प्रतिनिधि ताराकश राव, विकास राणा सहित स्वास्थ्य विभाग अधिकारी एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।
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