- देहरादून
चुनाव से पहले उत्तराखण्ड में सत्तासीन भाजपा को बड़ा झटका लगा है, 2017 में कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामने वाले यशपाल आर्य ने अपने बेटे सहित घर वापसी कर ली है। यशपाल आर्य को दिल्ली में कांग्रेस की सदस्यता दिलाई गई। कांग्रेस में शामिल होते ही यशपाल आर्य और संजीव आर्य ने विधायकी से दिया इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल को इस्तीफा देने का भेजा पत्र वही मंत्री के रूप में भी यशपाल आर्य ने इस्तीफा दे दिया है उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल को भेज दिया है आपको बता दें यशपाल आर्य बीजेपी सरकार में परिवहन समाज कल्याण आबकारी जैसे महत्वपूर्ण विभागों को। देख रहे थे
एआइसीसी में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह की उपस्थिति में प्रेस वार्ता में इसकी घोषणा की गई।
सोमवार को उत्तराखंड विधान सभा चुनाव से पहले भाजपा को तगड़ा झटका लगा है। परिवहन मंत्री यशपाल आर्य और उनके विधायक बेटे संजीव आर्य दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।
यशपाल आर्य बाजपुर और उनके बेटे संजीव आर्य नैनीताल सीट से विधायक हैं। वहीं यशपाल आर्य पुष्कर सिंह धामी सरकार में मंत्री थे और उनके पास छह विभाग थे। जिसमें परिवहन, समाज कल्याण, अल्पसंख्यक कल्याण, छात्र कल्याण, निर्वाचन और आबकारी विभाग शामिल थे। यशपाल और संजीव आर्य ने 2017 में कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा था। भाजपा ने तब दोनों को प्रत्याशी भी बनाया था। दोनों ने जीत दर्ज की थी। इसके बाद भाजपा सरकार ने यशपाल आर्य को कैबिनेट मंत्री बनाया। यशपाल पूर्व में उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे हैं। यशपाल आर्य पहली बार 1989 में खटीमा सितारगंज सीट से विधायक बने थे। वह पहले भी काफी समय तक कांग्रेस पार्टी में भी रहे हैं। यशपाल आर्य उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहें है।
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