देहरादून: राज्यपाल, मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष ने आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व को योग की प्रेरणा भारत से ही मिली है।राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने अपने संदेश में कहा कि योग शरीर,मस्तिष्क एवं आत्मा को एक सकारात्मक ऊर्जा एवं स्वस्थ जीवन जीने की शक्ति देता है। उत्तराखंड योग प्रदेश है। यहां हरिद्वार और ऋषिकेश योग के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। उन्होंने लोगों से अपने दैनिक जीवनचर्या में योग को अपनाने की अपील की है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने जारी संदेश में कहा कि योग भारत की प्राचीनतम और समृद्ध परम्परा की योग एक पहचान है। ‘योग’ भारतीय सभ्यता, संस्कृति तथा जीवन शैली का अभिन्न अंग रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सार्थक प्रयासों से योग को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलना देशवासियों के लिए गर्व की बात है। योग से आज दुनिया में हमारी विशिष्ट पहचान बनी है। हमारे योगाचार्यों ने भी योग को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है। महान ऋषि पतंजलि ने योग के माध्यम से लोगों को जीने की राह दिखाई है।विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने अपने संदेश में कहा है कि भारत समेत दुनियाभर में 21 जून को आठवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस ‘मानवता के लिए योग’ विषय के साथ मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत हुई और आज पूरे विश्व में योग को लेकर जागरुकता बढ़ी है। हम सभी को योग के महत्व को समझना चाहिए और अपने दैनिक जीवन में इसे शामिल करना चाहिए।अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रदेश में मुख्य कार्यक्रम परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में आयोजित किया जाएगा जबकि विभिन्न जनपदों में भी 75 चयनित स्थलों पर योग के कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य कार्य स्थल परमार्थ निकेतन ऋषिकेश का स्थलीय निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के सम्बन्ध में सम्बन्धित अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दिए।मुख्यमंत्री ने सोमवार सांय को परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में गंगा आरती में शामिल होकर मां गंगा का आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने गंगा पूजन कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद सरस्वती, विधायक रेनु बिष्ट, सचिव पंकज पांडेय, जिलाधिकारी पौड़ी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।वर्तमान में प्रदेश में योग और नेचुरोपैथी और सिद्धा चिकित्सा पद्धति के लिये आयुर्वेद निदेशालय को जिम्मेदारी दी गई है। प्रदेश में आयुष विभाग द्वारा 70 चिकित्सालयों को आयुष हेल्थ एवं वेलनेस केन्द्र के रूप में उच्चीकृत किया गया है। राज्य के विभिन्न आयुष शिक्षण संस्थानों से 166 छात्र शोध पूर्ण कर स्नात्तकोत्तर की उपाधि प्राप्त कर देश के विभिन्न आयुष शोध संस्थानों/ महाविद्यालयों में सेवायें प्रदान कर रहे हैं।राज्य सरकार की ओर से उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय का पुनर्गठन करते हुए इसे उत्तराखंड आयुष विश्वविद्यालय के रूप में विकसित किये जाने का प्रस्ताव है। राज्य में योग शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए इस क्षेत्र में कार्य कर रहे समस्त केन्द्र, समस्त स्पा एवं मसाज सेन्टर और अन्य संस्थानों का राज्य सरकार के द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार निःशुल्क पंजीकरण किया जाएगा। योग और नेचुरोपैथी के विकास के लिए प्रदेश में राज्य स्तरीय संस्थान की स्थापना की भी योजना है। योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति को सुदृढ़ किए जाने हेतु निदेशालय, आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवाएं, उत्तराखंड के अंतर्गत एक योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा प्रकोष्ठ की स्थापना की जाएगी।
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