देहरादून
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को नित्यानंद स्वामी जन सेवा समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में स्वच्छ राजनीतिज्ञ सम्मान 2022 से सम्मानित किया गया। मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में स्वामी जी की 94 वीं जयन्ती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को सम्मानित करने के साथ ही संगीत, शिक्षा, उद्योग, चिकित्सा एवं सांस्कृतिक सम्पदा से जुड़े 5 लोगों के साथ अन्य दो लोगों को उत्तराखण्ड गौरव से सम्मानित किया गया।
प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहे नित्यानंद स्वामी को नमन करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक सेवा प्रदान करने की उनकी संकल्पबद्धता अभूतपूर्व थी। एक वकील के रूप में हो, एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में हो या फिर एक मुख्यमंत्री के रूप में उनका जीवन हम सभी के लिये एक प्रेरणापुंज के समान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के प्रथम मुख्यमंत्री होते हुए उन्होंने अंत्योदय के विचार को अपने कार्यों के माध्यम से सिद्ध किया। शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं का विकास और सैनिकों के हित के लिये उन्होंने अभूतपूर्व कार्य किये। उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत पर विशेष ध्यान देते हुए उन्होंने उत्तराखण्ड के राज्य चिन्हों को स्थापित कर, संपूर्ण देश में उत्तराखण्ड की एक विशिष्ट पहचान बनाई।
मुख्यमंत्री ने नित्यानंद स्वामी जनसेवा समिति द्वारा उनके जीवन से प्रेरित होकर समाज सेवा के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की सराहना की। समिति द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में, पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में, व्यक्तित्व विकास के क्षेत्र जमीनी स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। जो निश्चित रूप से सार्थक पहल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड की डबल इंजन की सरकार स्व. श्री नित्यानंद स्वामी जी के पदचिन्हों पर चलते हुए राज्य के विकास हेतु प्रतिबद्ध है। श्रद्धेय स्व. स्वामी जी के स्वच्छ राजनीतिक जीवन से प्रेरित होकर ही हमारी सरकार उत्तराखंड राज्य को “सर्वश्रेष्ठ राज्य“ बनाने के अपने संकल्प को पूर्ण करने के लिए दिन-रात कार्य कर रही है। हमारी सरकार राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य और सुशासन को सुदृढ़ बनाने के लिए विशेष रूप से प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने उन्हें स्वच्छ राजनीतिज्ञ सम्मान से सम्मानित किये जाने पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि व्यक्तिगत तौर पर उनकी भी यही कोशिश रहती है कि जनता की सेवा हेतु जो काम किए जाएं, वह पूर्ण रूप से “सेवा परमो धर्मः“ के मंत्र को सार्थक करने के लिए ही हो। समिति ने मुझे “स्वच्छ राजनीतिज्ञ सम्मान“ से अलंकृत करने योग्य समझा, इसे भी अपना गौरव समझता हूं। यह सम्मान मुझे नया उत्तराखण्ड बनाने के लिये नई ऊर्जा देने का कार्य करेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्व. नित्यानन्द स्वामी की स्मृति में राज्य में संसदीय परम्पराओं की मजबूती एवं सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने के प्रयासों से सम्बन्धित संसदीय संस्थान जैसी किसी संस्थान की स्थापना की भी बात कही।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने जिन्हें सम्मानित किया उनमें पद्मश्री बसंती बिष्ट, जितेन्द्र जोशी, श्री हरेन्द्र कुमार गर्ग, डॉ. डी.एम काला, श्री प्रेम हिगवाल शामिल थे। उत्तराखण्ड गौरव सम्मान श्री रस्किन बांड एवं प्रसून जोशी की अनुपस्थिति में उनके प्रतिनिधियों को प्रदान किया गया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल, सांसद सुश्री रेखा वर्मा, नरेश बंसल, उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ अम्मार रिजवी, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द मुनि, समाजसेवी डॉ. एस फारूख, डॉ. आर के बख्शी ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम में स्व. नित्यानन्द स्वामी के परिवारिक जनों सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहे नित्यानंद स्वामी को नमन करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक सेवा प्रदान करने की उनकी संकल्पबद्धता अभूतपूर्व थी। एक वकील के रूप में हो, एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में हो या फिर एक मुख्यमंत्री के रूप में उनका जीवन हम सभी के लिये एक प्रेरणापुंज के समान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड के प्रथम मुख्यमंत्री होते हुए उन्होंने अंत्योदय के विचार को अपने कार्यों के माध्यम से सिद्ध किया। शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं का विकास और सैनिकों के हित के लिये उन्होंने अभूतपूर्व कार्य किये। उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत पर विशेष ध्यान देते हुए उन्होंने उत्तराखण्ड के राज्य चिन्हों को स्थापित कर, संपूर्ण देश में उत्तराखण्ड की एक विशिष्ट पहचान बनाई।
मुख्यमंत्री ने नित्यानंद स्वामी जनसेवा समिति द्वारा उनके जीवन से प्रेरित होकर समाज सेवा के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की सराहना की। समिति द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में, पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में, व्यक्तित्व विकास के क्षेत्र जमीनी स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। जो निश्चित रूप से सार्थक पहल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड की डबल इंजन की सरकार स्व. श्री नित्यानंद स्वामी जी के पदचिन्हों पर चलते हुए राज्य के विकास हेतु प्रतिबद्ध है। श्रद्धेय स्व. स्वामी जी के स्वच्छ राजनीतिक जीवन से प्रेरित होकर ही हमारी सरकार उत्तराखंड राज्य को “सर्वश्रेष्ठ राज्य“ बनाने के अपने संकल्प को पूर्ण करने के लिए दिन-रात कार्य कर रही है। हमारी सरकार राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य और सुशासन को सुदृढ़ बनाने के लिए विशेष रूप से प्रयासरत है।
मुख्यमंत्री ने उन्हें स्वच्छ राजनीतिज्ञ सम्मान से सम्मानित किये जाने पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि व्यक्तिगत तौर पर उनकी भी यही कोशिश रहती है कि जनता की सेवा हेतु जो काम किए जाएं, वह पूर्ण रूप से “सेवा परमो धर्मः“ के मंत्र को सार्थक करने के लिए ही हो। समिति ने मुझे “स्वच्छ राजनीतिज्ञ सम्मान“ से अलंकृत करने योग्य समझा, इसे भी अपना गौरव समझता हूं। यह सम्मान मुझे नया उत्तराखण्ड बनाने के लिये नई ऊर्जा देने का कार्य करेगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्व. नित्यानन्द स्वामी की स्मृति में राज्य में संसदीय परम्पराओं की मजबूती एवं सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने के प्रयासों से सम्बन्धित संसदीय संस्थान जैसी किसी संस्थान की स्थापना की भी बात कही।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने जिन्हें सम्मानित किया उनमें पद्मश्री बसंती बिष्ट, जितेन्द्र जोशी, श्री हरेन्द्र कुमार गर्ग, डॉ. डी.एम काला, श्री प्रेम हिगवाल शामिल थे। उत्तराखण्ड गौरव सम्मान श्री रस्किन बांड एवं प्रसून जोशी की अनुपस्थिति में उनके प्रतिनिधियों को प्रदान किया गया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल, सांसद सुश्री रेखा वर्मा, नरेश बंसल, उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ अम्मार रिजवी, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द मुनि, समाजसेवी डॉ. एस फारूख, डॉ. आर के बख्शी ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम में स्व. नित्यानन्द स्वामी के परिवारिक जनों सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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