गोपेश्वर: चमोली जिले के नंदानगर विकास खंड में शुक्रवार को मरिया आश्रम की ओर से बेहतर आजीविका के लिए सतत पारिस्थितिकी तंत्र प्रबन्धन एवं आपदा निवारण परियोजना के तहत दस गांवों के किसान समूह सदस्यों को एक दिवसीय जैविक सब्जी एवं मसाला उत्पादन पर प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षक सुखबीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि जैविक सब्जियों के उत्पादन से स्वरोजगार के साथ-साथ स्वास्थ्य की स्थिति में भी सुधार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग के माध्यम से किसानों को बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन के लिए पॉली हाउस वितरण किये जा रहे हैं तथा कृषि विभाग के माध्यम से 80 प्रतिशत अनुदान पर समूहों को कृषि यंत्र उपलब्ध करवाये जा रहे हैं। क्षेत्र के किसानों की ओर से विभिन्न प्रकार की सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है जिसमें विशेष रूप से मिर्च, धनियां, सरसों, आलू, मूली, प्याज, लहसून, मटर, बैगन, भिन्डी, खीरा का उत्पादन किया जा रहा है। प्रशिक्षण में प्रतिभागी किसानों घरेलू तरीके से जैविक कीटनाशक दवाई एवं वर्मी कम्पोस्ट पिट 50 प्रतिशत अनुदान पर बनाने और मृदा स्वास्थ्य कार्ड, फसल बीमा आदि की जानकारी भी दी गयी।
प्रशिक्षण के दौरान मरिया आश्रम प्रबन्धक फादर जीजो ने कहा कि समूह सदस्यों की ओर से उत्पादित जैविक अनाज, जैविक सब्जियों का आपसी आदान-प्रदान करना चाहिए, ताकि समूह सदस्यों का आपसी तालमेल बना रहे और मौसम के अनुसार तैयार सब्जियों का स्वयं उपयोग एवं विक्रय कर स्वरोजगार के अवसर प्राप्त कर आर्थिकी को मजबूत कर सकें।
परियोजना समन्वयक राकेश कुमार ने कहा कि किसानों को संस्था एवं विभागों के माध्यम से विभिन्न प्रकार के बीज दिये जा रहे हैं और किसानों को समय-समय पर संस्था के माध्यम से विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण दिये जाते है, ताकि इसका लाभ लेकर वे जैविक उत्पाद को बढ़ा कर अपनी आर्थिकी में सुधार ला सकें।
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