देहरादून
आज शनिवार को भारतीय सैन्य अकादमी(आईएमए) में आयोजित हुई पासिंग आउट परेड में भारत के अलग अलग कोनो से आये हुए 314 जेंटलमैन कैडेट्स द्वारा चेटवुड्स भवन स्थित अंतिम पायदान पर पग धरते ही भारतीय सेना में बतौर अधिकारी शामिल हो गए है। इसके साथ ही मित्र देश के 30 विदेशी जेंटलमैन कैडेट्स भी पासिंग आउट परेड से उत्तीर्ण होकर अपने अपने देश की सेनाओं में बतौर अधिकारी सम्मिलित होंगे। उक्त पासिंग आउट परेड ने हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी उत्तराखंड को गर्व करने का मौका दिया है क्योंकि हर बार की तरह इस वर्ष भी देवभूमि उत्तराखंड के 29 युवाओं द्वारा भारत की सेवा व सुरक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर करने की चाह व ललक को पूरा करने को भारतीय सेना में जाने की रीत को आगे बढ़ाया है।
आज शनिवार तड़के भारतीय व विदेशी जेंटलमैन कैडेटस की कदमताल की आहट से शुरू हुई पसिंग आउट परेड में हर जेंटलमैन कैडेटस द्वारा अपने वरिष्ठ सेना अधिकारियों, प्रशिक्षकों व उपस्थित गणमान्यों से सम्मुख परेड करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी को परेड की सलामी दी। जिसके बाद सभी कैडेट्स द्वारा कदमताल करते हुए बारी बारी से चेटवुड्स भवन स्थित अंतिम पायदान को पार करते हुए भारतीय सेना को जॉइन किया।
देवभूमि उत्तराखंड देश के उन राज्यों में शुमार है जहां से हर वर्ष सबसे ज़्यादा युवा भारतीय सेना में सम्मिलित होते है। इस वर्ष यह संख्या 29 है। उत्तराखंड के अलावा जिन अन्य राज्यो से सबसे ज़्यादा युवा भारतीय सेना में सम्मिलित हुए है उत्तर प्रदेश के 51,हरियाणा के 30, बिहार के 24, महाराष्ट्र के 21,पंजाब के 21, हिमाचल प्रदेश के 17,राजस्थान 16, मध्य प्रदेश के 15, दिल्ली के 13 युवा है। उत्तराखंड की कुल आबादी के तौर पर देखा जाए तो आज सम्पन्न हुई पासिंग आउट परेड में उत्तराखण्ड के 29 युवा कुल पास हुए 314 कैडेटस का अकेले ही 9 प्रतिशत बनाते है जो उत्तराखंड के मुकाबले अधिक जनसंख्या व भौगौलिक रूप से बड़े राज्यो के मुकाबले सबसे अधिक है।
राज्य व कैडेट्स की संख्या-:
उत्तर प्रदेश-51
हरियाणा-30
उत्तराखंड 29
बिहार-24
महाराष्ट्र- 21
पंजाब-21
हिमाचल प्रदेश- 17
राजस्थान-16
मध्य प्रदेश- 15
दिल्ली-13
केरल- 10
कर्नाटक- 9
जम्मू कश्मीर- 9
बंगाल-8
तमिलनाडु-7
गुजरात- 5
छत्तीसगढ़- 4
आंध्र प्रदेश- 4
असम- 4
मिज़ोरम- 3
चंडीगढ़- 2
तेलंगाना- 2
झारखंड- 2
मणिपुर-2
ओडिशा- 1
अरुणांचल प्रदेश- 1
लद्दाख- 1
त्रिपुरा- 1
नागालैंड- 1
विदेशी कैडेट्स-
भूटान-13
मालदीव-3
म्यांमार- 1
नेपाल- 2
श्रीलंका- 4
सूडान- 1
तजाकिस्तान- 2
तंज़ानिया- 1
तुर्कमेनिस्तान- 1
वियतनाम- 1
उज़्बेकिस्तान- 1
*64,145 कैडेट्स हुए है अभी तक पासआउट*
भारतीय सेना को काबिल व युवा अधिकारी देने का गौरवपूर्ण इतिहास रखने वाले आईएमए की शुरुआत 1 अक्टूबर 1932 को हुई थी। पिछले 90 साल के इतिहास में आईएमए द्वारा अपने प्रशिक्षण क्षमता में इजाफा किया है। आईएमए से अभी तक कुल 64,145 कैडेट्स पासआउट हुए है। वहीं आईएमए पीओपी से 34 विदेशी मित्र देशों के 2813 जेंटलमैन कैडेट्स अभी तक प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने अपने देश की सेनाओं में सम्मिलित हो चुके है।
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